7 व 12 फिर 18 से ऊपर का जो वर्ग बताया है वो सिर्फ मानसिक परिपक्वता के आधार पर किया गया है - धारा 83
यानी अपराध करते समय मनःस्थिति होनी चाहिए तभी वो अपराध माना जाता है वरना नही।
प्र. - अगर धारा 82, 83 को पीड़ित के संदर्भ मे लागू कराए तो वो किस आयु मे होना चाहिए ?
उ. - सी.आर.पी.सी. कि पीड़ित कि परिभाषा के अनुसार " कोई भी व्यक्ति " हो सकता है।
Diagram -
धारा 305 - इसमें बताया नही गया कि शिशु कौन होगा ? - धारा 82 ,83 rw 305
अगर 7 से कम आयु का दुषप्रेरण किया गया आत्महत्या के लिए - धारा 305
अगर साढे 12 साल का है, दुषप्रेरण करता है तब - 305
आई. पी.सी. को शिशु के संदर्भ मे - 2 वर्गीकरण
1- अपराध करता है - धारा 82,83 मेंसरिया देखते है
2- शिशु के विरुद्ध कोई अपराध करता है - 305
इसी धारा 305 को अगर आत्महत्या के प्रयत्न को धारा 309 से जोड़ दे तब - अगर 18 से बडा़ कोई आत्महत्या करता है अथवा कोई उसे दुषप्रेरित करता है - तो ये यहां नही आएगा - 309 मे अपराध बनेगा, दण्डित होगा।
यानी धारा 309 मे 18 आयु से कम नही होना चाहिए -क्यों कि धारा 82 लागू हो जाता है ।
प्र. - धारा 305 व 309 मे क्या अन्तर है ?
उ. - धारा 305 -आत्महत्या का दुषप्रेरण हो रहा है - 18 आयु तक होना चाहिए
धारा 309 -आत्महत्या खुद कर रहा है
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